केदारनाथ धाम ! ब्रह्म मुहूर्त में खुले कपाट

केदारनाथ धाम, 09 मई 2019। शीतकाल प्रवास के बाद आज पवित्र केदारनाथ धाम के पट भक्तजनों के दर्शन पूजन के लिए खोल दिये गये हैं।
बताते चलें कि आठवीं शताब्दी का आदिदेव महादेव का यह मंदिर मंदाकिनी नदी के शीर्ष पर शोभायमान गढ़वाल हिमालय के बीच स्थित है।यह मन्दिर समुद्र तल से करीब 3,581 मीटर की उंचाई पर स्थित है। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल केदारनाथ धाम की प्रसिद्धि 5वें ज्योतिर्लिंग के रूप में है और यहां के शिवलिंग को स्वयंभू माना जाता है। पत्‍थरों से निर्मित कत्यूरी शैली से बने इस मन्दिर के बारे में बताया जाता है कि पाण्डव वंश के जनमेजय ने इस मन्दिर का निर्माण कराया था। बाद के समय में आदि शंकराचार्य ने इस मन्दिर का जीर्णोद्धार कराया था।
भगवान शिव का यह पवित्र मंदिर हिमपात के कारण हर साल अक्टूबर-नवंबर में बंद हो जाता है और अप्रैल-मई में दोबारा खोला जाता है। आज प्रातः 5 बजकर 35 मिनट पर शुभ लग्न और ब्रह्मबेला में मन्दिर के पट भगवान केदारनाथ के दर्शन हेतु खोल दिए गए हैं।
इससे पूर्व बाबा केदार की “डोली” को मुख्य पुजारी केदार लिंग द्वारा भोग लगाने के साथ ही नित पूजा की गई। इसके उपरांत बाद केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग, वेदपाठियों, पुजारियों, हक्क हकूकधारियों की मौजूदगी में मंदिर के कपाट खोलकर पवित्र डोली को अंदर प्रवेश कराकर मंदिर के अंदर पूजा अर्चना की गई और उसके मुख्य कपाट भक्तों के दर्शनाथ खोल दिए गए।
केदारनाथ के संबंध में लिखा है कि बद्रीनाथ की यात्रा से पूर्व केदारनाथ का दर्शन पूजन आवश्यक है। केदारनाथ सहित नर-नारायण मूर्ति के दर्शन का फल समस्त पापों के नाश के साथ जीवन मुक्ति की प्राप्ति कराता है। जो व्यक्ति केदारनाथ के दर्शन किये बिना बद्रीनाथ की यात्रा करता है, उसकी यात्रा निष्फल मानी जाती है।

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